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13 मिनट तक पुलिस वालों को पीटते रहे फौजी

इंदौर. इंदौर के एक थाने पर सैन्य अफसरों ने पूरी प्लानिंग से हमला बोला। तीन टुकड़ियों में बंटकर। जैसे- दुश्मनों के खिलाफ किसी मिशन पर हों। उन्होंने थाने पर आने वाले पुलिस फोर्स को देखते हुए दो रास्ते ब्लॉक कर दिए थे। थाने पर हमला करने वाले दल ने मुंह पर कपड़ा बांधा, जबकि बाकी दल सड़क के आसपास पुलिसवालों को ढूंढ-ढूंढकर पीटते रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, फौजी हथियार लहराते हुए आए थे। थाने में नाइट ड्यूटी पर तैनात एसआई रश्मि पाटीदार व अन्य स्टाफ ने आंखोदेखा हाल बताया।
 
क्यों था मामला
बुधवार पुलिस वैन ने दो लोगों को एक मॉल के बाहर शराब पीते पकड़ा। पुलिसवालों ने इनमें से एक की पिटाई कर दी। बाद में पुलिसवालों को पता लगा कि ये लोग सेना के हैं तो उन्हें छोड़ दिया गया। इन लोगों ने जब ये कहानी अपने साथियों को बताई तो वे भड़क गए और हॉकी, डंडों के साथ ट्रक में बैठकर थाने पहुंच गए। यहां थाने पुलिसवालों की पिटाई कर वापस महू चले गए। 
 
थाने की सड़क को बाइक खड़ी कर बंद कर दी
सैन्य अफसरों ने थाने आने से पहले एलआईजी तरफ जाने वाला रास्ता और एमआर-10 से सयाजी होटल तरफ वाली रोड बाइक खड़ी कर बंद कर दी थी। इसके पीछे उनकी सोच थी कि गाड़ियों का जाम लगेगा तो पुलिस का फोर्स थाने तक नहीं पहुंच सकेगा। एसआई ने पांच बजे प्रभात गश्त के लिए थाने पर आमद दी थी। तब लोगों ने बताया सजनप्रभा गार्डन के सामने कोई पुलिसवालों को पीट रहा है।
 
पहले ड्राइवर को निकालकर पीटा
एसआई मोबाइल लेकर वहां गईं तो सैन्य अफसरों ने पहले ड्राइवर को गाड़ी से निकालकर पीटा। फिर एसआई से भी मारपीट की। एसआई कहती रहीं कि मैं एक महिला हूं। मेरे साथ एेसा दुर्व्यवहार न करें, लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी।
 
हॉकी और टॉमी हाथ में लेकर फौजियों ने बोला धावा
थाने पर हॉकी, स्लेगर और टॉमी लेकर 40-45 फौजियों ने धावा बोला। वे दीवार फांदकर घुसे और सबसे पहले संतरी योगेंद्र पर हमला कर 303 राइफल छीन ली। उनके सिर पर शराब की बोतल मारी। बचाव में उन्होंने हाथ अड़ाया, जो लहूलुहान हो गया। अफसर पूछते हुए आए कि एसआई अतुल सिंह सोलंकी कहां है? रात में वह बहुत तेज चल रहा था। 
 
तोड़फोड़ के सबूत मिटाने के लिए डीवीआर तक ले गए
सैन्य अफसरों ने थाने पर हमला करते समय वहां के सीसीटीवी कैमरे देख लिए थे। इसका डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर) टीआई के कैबिन में था। उन्होंने सबसे पहले डीवीआर निकाल लिया, ताकि सबूत ना बचे। 
 
आरएलवीडी कैमरों में दिखे
शहर के चौराहों पर लगे आरएलवीडी (रेड लाइट वाॅइलेंस डिटेक्शन) कैमरों के फुटेज से पता चला है कि सैन्य अफसर बाइक-कार ही नहीं, बल्कि ट्रक भी लेकर आए थे। इससे साफ है कि महू के अाला अधिकारियों को भी इसकी जानकारी रही होगी, तभी वे ट्रक ला सके। वे पांच बजे राजीव गांधी चौराहे से आते हुए नजर आए और छह बजे आर्मी का ट्रक पीपल्याहाना से निकला। इससे साफ है कि वे व्हाइट चर्च चौराहे से रिंग रोड की तरफ निकल गए थे।
 
पीटते हुए चौराहे तक ले गए

लोगों ने बताया फौजियों ने विजय नगर थाने के आसपास जितने भी पुलिसवाले मिले, सभी को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। एक सिपाही को तो वे पीटते हुए रसोमा चौराहे तक ले गए थे। सिपाहियों ने दौड़ लगाकर जान बचाई।
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