भोपाल
केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए बनाए जाने वाले बांध के निर्माण की लागत 17 हजार करोड़ होगी। इस परियोजना का उद्घाटन दिसम्बर में होगा। तब तक वन विभाग की क्लियरेंस हासिल कर ली जाएगी। इस परियोजना के शुरू होने के बाद उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के गांवों में सिंचाई क्षमता में वृद्धि होगी। यह संसदीय समिति आज दोपहर बाद खजुराहो से रवाना होगी।
खजुराहो में संसदीय सलाहकार कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया है। केन्द्रीय जल संसाधन एवं गंगा सफाई अभियान मंत्री उमा भारती की अध्यक्षता में सोमवार को दोपहर बाद खजुराहो में बैठक हुई। बैठक में 21 सांसद और 4 मंत्री आने वाले थे पर 9 सांसद और केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ही इसमें शामिल हुईं। सूत्रों ने बताया कि तत्कालीन अटल सरकार में जब इस प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई थी तब इसकी लागत पांच लाख करोड़ रुपए थी जो अब बढ़कर करीब दस लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। इसमें अकेले ढोढ़न बांध के निर्माण पर 17 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। बैठक में यह बात सामने आई है कि सुप्रीम कोर्ट ने नियमों का पालन करने के आधार पर इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इसलिए दिसम्बर में प्रोजेक्टर शुरू करने के लिए उद्घाटन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस बीच वन विभाग की जमीन का निराकरण राज्य सरकार से चर्चा के बाद कर लिया जाएगा। बैठक के दौरान केन्द्रीय जल आयोग, केन्द्रीय भूजल बोर्ड, केन्द्रीय जल विकास प्राधिकरण समेत केन्द्रीय जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री के साथ बैठक करेंगे अफसर-उमा भारती
केन बेतवा लिंक परियोजना में वन विभाग की जमीन को बड़ी अड़चन माना जा रहा है। इसको लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि इसको लेकर केन्द्र के जल संसाधन विभाग के अफसर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा करेंगे। उन्होंने स्थानीय मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि स्टेट वाइल्ड लाइफ कमेटी का चेयरमैन प्रदेश का सीएम होता है। इसलिए सीएम से इस मामले का हल निकालने के लिए कहा जाएगा ताकि प्रोजेक्ट के लिए जमीन मिलने का रास्ता साफ हो सके। यहां गौरतलब है कि कैबिनेट की पिछली बैठक में इससे संबंधित प्रस्ताव लाया गया था जो डिफर हो गया है।
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