लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को
नौकरी के लिए प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस का
कहर बरपा। प्रदर्शनकारियों
ने पुलिस और सरकारी वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पत्थरबाजी हुई।
प्रदर्शनकारियों को भी पुलिस ने घेर कर पीटा। महिलाओं को भी दौड़ा-दौड़ा कर
लाठियों से पीटा गया। कई महिलाओं को हॉस्पिटल ले जाना पड़ा।
हिंसक हुआ प्रदर्शन
बीपीएड की डिग्री ले चुके हजारों लोगों को यूपी में अब भी नौकरी का
इंतजार है। मंगलवार को पूरे राज्य से ऐसे लोग लखनऊ में विधानसभा के पास
जमा होकर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन का
इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी इससे नाराज हो गए। भीड़ ने पुलिस और सरकारी
गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भी खूब लाठियां चलाईं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है
लाठीचार्ज में घायल उपासना और कविता ने कहा,'' हम अपनी नियुक्ति की
मांग को लेकर सरकार से बात करना चाहते हैं। सरकार अड़ियल रवैया अपनाए हुए
है। सरकार बात नहीं करना चाहती है। हम मजबूर लोगों पर लाठी चलवा रही है। ये
यूपी सरकार की मनमानी है।''
क्या है समस्या?
बीपीएड टीचर के लिए राज्य में 46 हजार वैकेंसी है। इस पर करीब 1800 करोड़ रुपए सालाना खर्च आएगा। सरकार फिलहाल इतना खर्च नहीं उठाना चाह रही है। इसलिए डिग्री ले चुके लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है। मंगलवार को वे अपनी मांग सरकार के सामने रखने वाले थे। लेकिन सरकार के प्रतिनिधि से कोई बात नहीं हो पाई।
बीपीएड टीचर के लिए राज्य में 46 हजार वैकेंसी है। इस पर करीब 1800 करोड़ रुपए सालाना खर्च आएगा। सरकार फिलहाल इतना खर्च नहीं उठाना चाह रही है। इसलिए डिग्री ले चुके लोगों को नौकरी नहीं मिल रही है। मंगलवार को वे अपनी मांग सरकार के सामने रखने वाले थे। लेकिन सरकार के प्रतिनिधि से कोई बात नहीं हो पाई।
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