भोपाल
पेट्रोल और डीजल की घटती कीमतों से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के फार्मूले पर काम नहीं करेगी। पहले इसी फार्मूले पर एक रुपए टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव था जिसे फिलहाल टाल दिया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा इसके लिए सहमति नहीं देना मुख्य कारण माना जा रहा है।
विभाग अब नुकसान की भरपाई के लिए दूसरे विकल्पों की तलाश में जुट गया है। डेढ़ साल से पेट्रोल व डीजल के दामों में आई गिरावट के चलते राज्य सरकार के अफसर इससे होने वाले नुकसान की भरपाई की जुगत लगा रहे हैं। इसके लिए दिसम्बर 2014 में पेट्रोल व डीजल पर वैट कर में 4 फीसदी की वृद्धि भी की गई। इस बीच दो माह पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल की बिक्री पर वैट या किसी तरह का अन्य कर लगाने के बजाय सीधे एक एमाउंट फिक्स कर दिया गया।
इस फार्मूले के चलते अगर दाम घटते हैं तो भी वहां की सरकार को नुकसान नहीं होगा। प्रदेश के अफसरों को यह फार्मूला अच्छा लगा और वित्त एवं वाणिज्यिक कर विभाग के मंत्री की सहमति से वैट के रूप में वसूली जाने वाली राशि के साथ एक रुपए का अतिरिक्त टैक्स लगाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया। जिसे फिलहाल मंजूरी नहीं मिली है। इधर अफसरों का मानना है कि दाम घटने के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई टैक्स बढ़ाए बगैर नहीं हो सकती। इस कारण वैट की दरों में ही फिर बदलाव किया जा सकता है।
अभी यह है स्थिति
पेट्रोल पर 32 प्रतिशत टैक्स ( 31 प्रतिशत वैट और 1 प्रतिशत प्रवेश कर) लिया जा रहा है। वर्तमान में पेट्रोल की कीमत 64.82 रुपए है। इसमें टैक्स की राशि 20.74 रुपए होती है। इसी तरह डीजल पर 28 प्रतिशत टैक्स ( 27 प्रतिशत वैट और 1 प्रतिशत प्रवेश कर) लिया जा रहा है। डीजल 49.12 रुपए लीटर बिक रहा है। इसमें 15.71 रुपए टैक्स की राशि है।
यह है यूपी सरकार का फार्मूला
उत्तरप्रदेश सरकार का फार्मूला यह है कि पेट्रोल या डीजल की कीमत भले ही घटे पर उसके राजस्व में कमी नहीं आनी चाहिए। इसके लिए वहां की सरकार ने पेट्रोल पर 16.74 और डीजल पर 9.41 प्रतिशत टैक्स फिक्स कर दिया है। अब कीमतें घटने या बढ़ने पर भी यूपी सरकार को इससे होने वाली आमदनी पर असर नहीं पड़ता।
सीमावर्ती राज्यों में डलवाएंगे फ्यूल
उत्तर प्रदेश में अभी भी डीजल के दाम एमपी से डेढ़ रुपए प्रति लीटर कम हैं। अगर राज्य सरकार और टैक्स बढ़ाती है तो इसका सीधा असर डीजल व पेट्रोल की बिक्री पर पड़ सकता है। एमपी देश के मध्य में है। यहां पेट्रोल डीजल महंगा होने पर माल परिवहन करने वाले वाहनों के चालक सीमावर्ती राज्यों में सस्ते दामों पर पेट्रोल व डीजल डलवाएंगे। इससे सरकार की आर्थिक स्थिति और बिगड़ेगी।
-अजय सिंह, अध्यक्ष मप्र पेट्रोलियम एसोसिएशन
इनका कहना---
पेट्रोल व डीजल पर एक रुपए टैक्स लगाने का फैसला अभी टाल दिया गया है। इस मामले में फिलहाल कोई काम नहीं हो रहा है।
-जयंत मलैया, मंत्री वित्त एवं वाणिज्यिक कर
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