भोपाल
डिप्टी कलेक्टर की सेवा में आने के बाद बीस साल बाद भी आईएएस नहीं बन पाने का मलाल लिए एक और एसएएस नौकरी छोड़ने की तैयारी में हैं। राज्य सरकार एसएएस के असंतोष पर काबू नहीं कर पा रही है। इसके चलते ऐसे हालात बन रहे हैं। दो माह के भीतर यह दूसरा मामला है जब एक सीनियर एसएएस नौकरी छोड़ रहा है।
आईएएस नहीं बन पाने का दुखउज्जैन में पदस्थ अपर कलेक्टर संतोष वर्मा ने फेसबुक वॉल पर अपना दर्द बयां करते हुए लिखा है कि अब शासकीय सेवा बहुत कर ली। बीस साल तक सेवा करने के बाद भी आईएएस नहीं बन पाने और निकट भविष्य में इसकी संभावना नहीं दिखाई देने पर वे जल्द ऐसी नौकरी से मुक्त होना चाहेंगे। वर्मा ने लिखा है कि नई भूमिका में आने का अब वक्त आ गया है। अब देश सेवा के लिए दूसरा रास्ता चुनना होगा। इस मामले में वर्मा से संपर्क करने पर उनका मोबाइल बंद मिला।
विवेक श्रोत्रिय दे चुके इस्तीफा
ग्वालियर में पदस्थ रहे संयुक्त कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय अपने पद से 21 जुलाई को इस्तीफा दे चुके हैं। हालांकि सरकार ने अभी तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है पर सूत्रों का कहना है कि वीआरएस के लिए आवेदन देने के बाद अपनी तीन माह की वेतन वे सरकार के खाते में जमा करा चुके हैं और ग्वालियर के बजाय इंदौर में रह रहे हैं। जीएडी कार्मिक के अफसरों के अनुसार उनके विरुद्ध उज्जैन में चल रही जांच हाल में पूरी हुई है और अभी उनकी पदोन्नति के मामले में कोई फैसला नहीं हो सका है।
इनका कहना--
प्रमोशन और क्रमोन्नति नहीं मिलने से एसएएस सेवा संघ के अफसरों में असंतोष है। मुख्य सचिव को बीते महीनों में संघ की ओर से इस असंतोष से अवगत कराया जा चुका है। सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा क्योंकि एसएएस सरकार और जनता के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी है। संतोष वर्मा के इस्तीफे की जानकारी अभी नहीं मिली है।
-दीपक सक्सेना, महासचिव, राज्य प्रशासनिक सेवा संघ
share