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मोदी सरकार के स्वच्छ भारत मिशन की चीफ ने लिया VRS

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान (क्लीन इंडिया मिशन) की प्रमुख आईएएस
अफसर विजयलक्ष्मी जोशी (स्वैच्छिक) ने वॉलेंट्री रिटायरमेंट ले लिया है। गुजरात कैडर की आईएएस जोशी ने रिटायरमेंट की जो अर्जी दी थी, उसे पीएमओ ने मंजूरी दे दी है। इस बीच, अफसरों के रिटायरमेंट लेने को लेकर आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष ने ट्वीट किया, ''स्वच्छ भारत का मतलब समझ आया। भारत साफ नहीं करना है, ब्यूरोक्रेसी को ही साफ कर देंगे।''
 
क्या है वीआरएस लेने की वजह?
> बताया जा रहा है कि पीएमओ मिशन के रिजल्ट से संतुष्ट नहीं था।
>स्वच्छ भारत अभियान पीएम का सबसे बड़ा मिशन है। इसमें वह सीधे फैसले लेते हैं। जानकारी के मुताबिक, जोशी को इससे काम करने में दिक्कतें आती थीं।
> जोशी बिना सलाह-मशविरा के तय किए जा रहे टारगेट को लेकर नाराज थीं। मिशन के पहलुओं पर कोई स्प्ष्ट गाइडलाइंस जारी नहीं किए गए, जिससे वे नाराज थीं। 
 
जोशी ने नहीं दी सफाई
पीएम ने जब जोशी को इस मिशन के लिए सिलेक्ट किया था तो वह पंयातती राज मंत्रालय में सेक्रेटरी की पोस्ट पर थीं। अभी उनकी सर्विस में तीन साल बाकी थे। वीएरएस की अर्जी मंजूर होने के बाद फिलहाल वह एक महीने के नोटिस पीरियड पर काम कर रही हैं। जोशी के पति भी गुजरात कैडर के ऑफिसर हैं। वे पहले ही वीआरएस लेकर अमेरिका शिफ्ट हो चुके हैं। जोशी ने वीआरएस क्यों लिया, इस बारे में उनकी तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। 
 
टॉप ब्यूरोक्रेट्स छोड़ रहे हैं पद
मोदी सरकार में कुछ समय के भीतर चार टॉप ब्यूरोक्रेट्स अपनी पोस्ट छोड़ चुके हैं। वहीं कुछ अफसरों को सरकार ने खुद हटाया।
>कुछ महीने पहले विदेश सचिव सुजाता सिंह और डीआरडीओ के चीफ अविनाश चंदर ने अपनी पोस्ट छोड़ी थी। पीएम की नाराजगी को इसकी वजह मानी गई।
>फरवरी में तत्कालीन होम सेक्रेटरी अनिल गोस्वामी को हटा दिया गया था। उन पर शारदा घोटाले के आरोपी और पूर्व मंत्री मतंग सिंह की गिरफ्तारी टालने के लिए सीबीआई पर दबाव बनाने का आरोप था।
>दो दिन पहले होम सेक्रेटरी एलसी गोयल ने वीआरएस लिया था। नगा समझौते के मामले में पीएम की नाराजगी को इसकी वजह माना गया।
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