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ब्लैक फंगस के लक्षण दिखते ही पोस्ट कोविड मरीजों की नेज़ोएक्डोस्कॉपी, शिविर लगाकर करें जाँच-CM

भोपाल 
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में 'म्यूकोमाइकोसिस' ब्लैक फंगस बीमारी का प्रारंभिक स्तर पर ही जाँच कर उपचार किया जाए। इसके‍ लिए आवश्यक उपकरण 'नेजोएन्डोस्कोप' तथा इंजैक्शन एवं दवाएं उपलब्ध कराई जाएं। शिविर लगाकर ब्लैक फंगस की जाँच की जाए तथा हर मरीज का इलाज किया जाए। इसमें निजी ईएनटी चिकित्सकों की भी पूरी सेवाएं ली जाएं। प्रारंभिक स्तर पर ही जांच करें तथा तुरंत इलाज प्रारम्भ हो।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण निरंतर कम हो रहा है। प्रदेश में नए कोरोना प्रकरण 6000 से कम हो गए हैं, वहीं 20 जिलों में कोरोना की साप्ताहिक पॉजिटिविटी 10 प्रतिशत से कम हो गई है।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में ब्लैक फंगस रोग के संबंध में ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. एसपी दुबे द्वारा विशेष प्रजेन्टेशन दिया गया। इसमें बताया गया कि यह बीमारी नाक से आँख में तथा आँख से मस्तिष्क तक पहुंचती है। यदि इसे नाक के स्तर पर ही रोक लिया जाए तो बीमारी आगे नहीं बढ़ती।

पोस्ट कोविड मरीजों की नेज़ोएक्डोस्कॉपी करवाई जाए

डॉ. दुबे ने सलाह दी कि पोस्ट कोविड मरीज की 'नेजोएक्डोस्कॉपी' कार्रवाई जाए। ब्लैक फंगस पाए जाने पर उनका तुरंत ऑपरेशन हो तथा 'एम्फोटैरिसिन बी' इंजैक्शन दिया जाए, यह रोग बिल्कुल ठीक हो जाएगा। 'एम्फोटैरिसिन बी' इंजैक्शन की कीमत 5 से 7 हजार रुपए है।

भोपाल में 50, इंदौर में 60, जबलपुर में 38, ग्वालियर में 5 और रीवा में 9 मरीज

मुख्यमंत्री चौहान ने वीसी में भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर एवं रीवा के मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों से भी इस बीमारी से संबंधित व्यवस्थाओं के विषय में बातचीत की। भोपाल मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस म्यूकोमाइकोसिस बीमारी के 50, इंदौर मेडिकल कॉलेज में 60, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 38, ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में 5 तथा रीवा मेडिकल कॉलेज में 9 मरीज हैं।

कोरोना के 5921 नए प्रकरण

प्रदेश में कोरोना के 5921 नए मरीज आए हैं, 11513 मरीज स्वस्थ हुए हैं (24 घंटों में) तथा एक्टिव मरीजों की संख्या घटक 88983 रह गई है। प्रदेश की ग्रोथ रेट 1.1% तथा साप्ताहिक पॉजिटिविटी 12% है। आज की पॉजिटिविटी रेट 9.1% है।

24102 मरीजों का नि:शुल्क इलाज

प्रदेश में कोविड के 24102 मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा रहा है। इनमें से 16165 का शासकीय अस्पतालों में, 2515 का अनुबंधित अस्पतालों में तथा 5422 का मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के अंतर्गत सम्बद्ध निजी अस्पतालों में इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना में मरीजों के इलाज पर शासन द्वारा आज की‍ स्थिति में 4 करोड़ 4 लाख 43 हजार व्यय हुआ।

5 जिलों में 200 से अधिक तथा 12 जिलों में 100 से अधिक नए प्रकरण

प्रदेश के 5 जिलों में ही अब 200 से अधिक तथा 12 जिलों में 100 से अधिक नए प्रकरण आए हैं। इंदौर में 1307, भोपाल में 657, जबलपुर में 421, उज्जैन में 232, ग्वालियर में 201, सागर में 195, रतलाम में 190, रीवा में 170, शिवपुरी में 114, नरसिंहपुर में 113, सीहोर में 106 तथा दमोह में 104 नए प्रकरण आए हैं।

20 जिलों में 10 प्रतिशत से कम पाजिटिविटी

प्रदेश के 20 जिलों होशंगाबाद, देवास, विदिशा, बालाघाट, टीकमगढ़, मुरैना, छिंदवाड़ा, छतरपुर, श्योपुर, मंडला, गुना, आगर मालवा, बड़वानी, अशोकनगर, झाबुआ, निवाड़ी, भिण्ड, खण्डवा, बुरहानपुर तथा अलीराजपुर की साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से कम है।

अस्पतालों में जनरेटर व इन्वर्टर चालू रहें

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि देश में आने वाले तूफान 'ताऊ ते' के कारण बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है, यह सुनिश्चित किया जाए कि हर अस्पताल में इंनवर्टर अथवा जनरेटर चालू रहें। गेहूँ उपार्जन केन्द्रों पर उपार्जित गेहूँ खुले में न रहे।

किल कोरोना अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन हो

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोरोना को मात देने के‍ लिए हर मरीज की पहचान कर उसका उपचार सुनिश्चित करने के लिए 'किल कोरोना' अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। साथ ही 'योग से निरोग' अभियान तथा 'मैं कोरोना वॉलेंटियर' अभियान भी प्रभावी हो।

ऑक्सीजन संयंत्र स्थापना की माइक्रो मॉनीटरिंग करें

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश में लगाए जा रहे सभी ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की माइक्रो मॉनीटरिंग की जाए तथा जल्दी से जल्दी कार्य पूरा किया जाए। बड़े ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना के भी प्रयास किए जाएं। वर्तमान में प्रदेश में 95 ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं।  

सभी जिले कोविड से बेसहारा हुए बच्चों की सूची भेजें

मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि कोविड के कारण जिन बच्चों के माँ-बाप नहीं रहे हैं, ऐसे बच्चों की सूची सभी जिले भिजवाएं, जिससे उन्हें तुरंत योजना का लाभ देते हुए 5000 रुपए प्रतिमाह पेंशन व अन्य सुविधाएं प्रदान की जा सकें। प्रभारी अधिकारी ने बताया कि धार जिले में 125 तथा अलीराजपुर में 90 ऐसे बच्चे हैं।

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