प्रदेश में एक ओर राज्य सरकार पिछले माह सामने आए ऑक्सीजन संकट के समाधान के लिए अंकुर कार्यक्रम के जरिये पौधरोपण कराने का प्लान तैयार कर चुकी है और पौधरोपण करने वालों को प्राणवायु पुरस्कार देने वाली है, वहीं दूसरी ओर छतरपुर जिले में सवा 2 लाख पेड़ काटे जाने की तैयारी है। इसका विरोध जमकर हो रहा है लेकिन हीरे की खोज के लिए पेड़ों की बलि दिए जाने को लेकर सरकार इसके लिए तय व्यवस्था में कोई बदलाव करने को तैयार नहीं है।
छतरपुर जिले के बक्सवाहा जंगल में हीरा खदान के लिए 40 हजार सागौन और 175875 औषधीय पौधों समेत कुल 215875 पेड़ काटे जाने की तैयारी है। स्थानीय लोगों ने ऑक्सीजन के संकट के बीच पेड़ काटे जाने का विरोध शुरू कर दिया है और यह तय किया है कि जब पेड़ कटेंगे तो वे उनकी रक्षा के लिए वहां लेटकर प्रदर्शन करेंगे।
उधर राज्य सरकार के पर्यावरण विभाग ने अंकुर कार्यक्रम के अंतर्गत प्राणवायु पुरस्कार देने का निर्णय लिया है ताकि ऑक्सीजन के भविष्य के संकट को अधिकाधिक पौधरोपण कर दूर किया जा सके। उसके लिए वायुदूत एप डाउन लोड कर पुरस्कार के लिए दावा करने वाले लोगों को लगाए गये पौधे की जानकारी देना होगी। इसका वेरिफिकेशन जन अभियान परिषद की जिला इकाई करेगी।

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