भोपाल
प्रदेश के विभिन्न सरकारी महकमों में पदस्थ लेखा सेवा के अधिकारियों को विभागों के अफसरों द्वारा बिना वित्त विभाग की अनुमति लिए एकतरफा कार्यमुक्त किए जाने पर वित्त विभाग ने नाराजगी जताई है। उन्होंने इसे शिष्टाचार के विपरीत बताते हुए सभी विभागों को निर्देश दिए है कि भविष्य में वित्त विभाग की सहमति के बिना लेखा सेवा के अधिकारियों को कार्यमुक्त नहीं करें। वित्त विभाग के उपसचिव मनोज जैन ने इस संबंध में सभी विभागों के विभागाध्यक्षों, संभागायुक्त, निगम-मंडल के प्रबंध संचालक, कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत और विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रारों को निर्देश जारी किए है।
इसमें विभागों के अधिकारियों को कहा गया है कि विभिन्न विभागों, कार्यालयों, उपक्रमों, निगम, मंडलों में आयुक्त कोष एवं वित्त विभाग की ओर से पदस्थ किए गए वित्त सेवा, अधीनस्थ लेखा सेवा के अधिकारियों को एकतरफा भारमुक्त नहीं किए जाने के निर्देश दिए गये है। सरकारी महकमों में वित्त सेवा और लेखा सेवा के अधिकारियों की पदस्थापना संवर्ग में स्वीकृत पदों और मांग के अनुसार की जाती है। इस तथ्य के उपरांत भी वित्त विभाग के ध्यान में कई ऐसे प्रकरण आ रहे है जिनमें विभागों और कार्यालयों द्वारा वित्त सेवा और अधीनस्थ लेखा सेवा के अधिकारियों को वित्त विभाग की सहमति या संज्ञान में लाए बिना और बिना कोई कारण बताए एकतरफा कार्यमुक्त किया गया है। इस प्रकार की कार्यवाही विभागीय पारस्परित शिष्टाचार के अनुरुप नहीं मानी जा सकती।
वित्त विभाग ने कहा है कि ऐसे अधिकारी को अपनी अस्थायी ज्वाइनिंग संचालनालय कोष एवं लेखा में देना पड़ती है। वहां रिक्त पदों के अभाव में इन अधिकारियों के वेतन निकालने में कठिनाई होती है तथा संवर्ग प्रबंधन में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। वित्त विभाग ने सभी विभागो के अधिकारियों को कहा है कि वित्त विभाग की सहमति के बिना वित्त सेवा और लेखा सेवा के अधिकारियों को एकतरफा भारमुक्त नहीं किया जाए। यदि कोई विभााग, कार्यालय पदस्थ वित्त सेवा, अधीनस्थ लेखा सेवा के अधिकारियों के कार्य से संतुष्ट नही है तो उस अधिकारी के कार्यो की टीप तैयार कर विभागाध्यक्ष, वित्त विभाग को अवगत करा सकते है जिससे आवश्यकतानुसार कार्यवाही संभव हो सके। इसलिए भविष्य में इस प्रक्रिया का पालन किए बिना मध्यप्रदेश वित्त सेवा,अधीनस्थ लेखा सेवा के अधिकारी को एकतरफा कार्यमुक्त न किया जाए। ऐसा करने पर संबंधित विभाग में वित्त सेवा के अधिकारी की भविष्य में पदस्थापना किए जाने में कठिनाई होगी।
