भोपाल
छतरपुर जिले के कलेक्टर शीलेंद्र सिंह का फरमान इन दिनों चर्चा में है। कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर जिले के सभी विभाग प्रमुखों से कहा है कि कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में होने वाली विभागवार बैठकों का शुल्क 500 रुपए विभाग प्रमुखों को देना होगा। कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे अपने विभाग से संबंधित बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में करने के एक दिन पहले नजारत शाखा में शुल्क की राशि जमा करें। इसके बाद ही बैठक के लिए पहुंचे।
कलेक्टर का यह फरमान जिले के विभागीय अफसरों के साथ सोशल मीडिया में भी जमकर वायरल हो रहा है। इस आदेश के बाद कई अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि अगर किसी विभाग की महीने में दस बैठकें कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में हुईं तो उसके लिए विभाग को अलग से पांच हजार रुपए नजारत शाखा में ही जमा करने होंगे। कई विभागों द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है।
इधर ओपन बोर्ड नहीं मानता सरकार का आदेश
राज्य ओपन बोर्ड के संचालक प्रभात राज तिवारी राज्य सरकार और जीएडी के आदेश नहीं मानते। कोरोना की दूसरी लहर के बाद से 31 अक्टूबर तक राज्य शासन ने राजधानी के सभी दफ्तरों में शनिवार और रविवार को अवकाश घोषित कर रखा है लेकिन पिछले पांच माह में ओपन बोर्ड के कर्मचारियों व अधिकारियों को शनिवार का अवकाश नहीं दिया गया। इन्हें वेतन काटने की धमकी देकर दफ्तर बुलाया जा रहा है। इसी तरह की स्थिति राजधानी के कई अन्य दफ्तरों की भी है। गौरतलब है कि इसके पहले कौशल विकास के कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर भी पिछले दिनों वहां के अधिकारी जितेंद्र राजे का आदेश चर्चा में रहा है।
