प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा इस समय आदिवासियों और पिछड़ों को साधने में जुटे हैं। दोनों ही वर्गों के वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए यह दल इनको रिजर्वेशन देने और इनके अधिकार दिलाने की बात कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसी कड़ी में आज पीसीसी चीफ कमलनाथ की मौजूदगी में बड़वानी में आदिवासी अधिकार यात्रा निकाली जिसे भाजपा ने आदिवासी धोखा यात्रा कहा है। इसके लिए भाजपा ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस द्वारा आदिवासियों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के वचन याद दिलाये हैं और इनके पूरे न होने की बात अलग-अलग विधायकों, नेताओं के माध्यम से सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल की है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज बड़वानी में आदिवासी अधिकार यात्रा का आगाज करने पहुंचे, जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गोंड़ राजाओं की राजधानी रहे जबलपुर में 18 सितंबर को अभियान की शुरुआत करेंगे। भाजपा ने अमित शाह के कार्यक्रम के लिए 18 सितंबर का दिन इसलिए चुना है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1858 को अंग्रेजों ने गोंड़ राजा रघुनाथ शाह और शंकर शाह को तोप के मुंह से बांधकर उड़ा दिया था। अमित शाह इसी दौरान आजादी-75 और आधुनिक भारत कार्यक्रमों का शुभारंभ करेंगे। इस कार्यक्रम के राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। दोनों बलिदानियों का आदिवासी समुदाय में काफी प्रभाव है। इनके सम्मान से आदिवासियों के बीच भाजपा की पैठ बढ़ाने की रणनीति भी इसे माना जा रहा है।
कांग्रेस की अधिकार यात्रा पर हमला करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि 15 महीनों की कमलनाथ सरकार में कभी आदिवासियों की याद क्यों नहीं आई? कांग्रेस की नीति फूट डालो राज करो की है।
कांग्रेस ने 55 साल राज किया पर आदिवासी अल्पसंख्यकों के लिए क्या किया, यह बताएं ? भारतीय जनता पार्टी ने ही आदिवासी गौरव दिवस मनाया लेकिन कांगेस ने आदिवासियों को केवल वोट बैंक समझा।
विधायक हीरालाल अलावा, कांतिलाल भूरिया को भी आगे लाने का काम कांग्रेस ने नहीं किया। जो योजनाएं बीजेपी ने गरीबों के लिए चालू की थी कांग्रेस ने वो योजनाएं क्यों बन्द कीं, इसका जवाब दें। शर्मा ने कहा कि 15 महीनों में आप ने जो किया था उस पर जनता ने आप को आइना दिखाया। आप को कोई अधिकार नही ये यात्रा निकालने का, आप ने आदिवासियों को धोखा दिया है। कांग्रेस जयस के नाम पर गुमराह करती है। हीरालाल अलावा कौन है ? कमलनाथ सरकार में कन्या विवाह के पैसे भी नहीं दिए गये। उनकी अपनी सरकार ने लोगों को हक़, अधिकार को छीनने का काम किया। शर्मा ने कहा कि कमलनाथ सरकार में आने के लिये छटपटा रहे हैं। वे बताएं कि दीनदयाल उपचार योजना क्यों बंद की थी? उन्होंने कहा कि मैं पीसीसी चीफ कमलनाथ को आमंत्रण देता हूं कि गौरव दिवस में आएं।

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