भोपाल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि मध्यप्रदेश वनवासियों को वन क्षेत्र का मालिक बनाने वाला देश का पहला राज्य है। अंग्रेजों के समय से सरकार के पास जंगलों का स्वामित्व था। अब मध्यप्रदेश में कीमती सागवान लकड़ी के साथ ही अन्य वन संपदा की 20% राशि के मालिक वनवासी होंगे। जनजातीय समुदाय के हक में लागू की गई ये बड़ी पहल है। मध्यप्रदेश में देश की सबसे अधिक 21% जनजाति आबादी निवास करती है। इनके कल्याण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है।
केन्द्रीय मंत्री शाह शुक्रवार को जंबूरी मैदान में वन समितियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि वनवासी क्षेत्र के सभी लोग अधिकार के साथ जिएं, यह उनका स्वप्न है, जिसे साकार किया जा रहा है। आज बाँस और अन्य उत्पादन के लिए राशि वितरण के साथ तेंदूपत्ता संग्राहकों को करोड़ों रुपए की राशि का भुगतान किया गया है। मध्यप्रदेश के 925 में से 827 वन ग्राम को राजस्व ग्रामों की तरह सुविधाएँ देने की शुरुआत हुई है। यहाँ परिसीमन हो सकेगा, आवास के लिए ऋण मिल सकेगा और राजस्व के सभी अधिकार वनवासियों को प्राप्त होंगे। प्रदेश में 15 हजार 600 से अधिक ग्राम सभाओं में वन समितियों के माध्यम से प्राथमिकता से कार्य किए जा सकेंगे।
केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि सरकार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समाज के वंचित और दलित वर्गों की सरकार की पहचान देने में सफल रहे हैं। शाह ने कहा कि एमपी में सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश द्वारा 19.7 प्रतिशत विकास दर हासिल करना बड़ी बात है। मध्यप्रदेश में गत 10 वर्ष में 200% सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हुई है, जो अन्य राज्यों में नहीं हुई। प्रदेश में पूँजीगत व्यय 31 हजार करोड़ रूपये से बढ़कर 40 हजार करोड़ तक हो गया है। भारत सरकार ने भी मध्यप्रदेश को 11 हजार करोड़ रुपये प्रदान किये हैं। जनजातीय वर्ग के कल्याण का बजट 4 हजार करोड़ रूपये से बढ़कर 7 हजार 524 करोड़ रुपये हो गया है। भारत सरकार ने जनजातियों के विकास के लिये पूर्व सरकार की 21 हजार करोड़ की राशि को बढ़ाकर 78 हजार करोड़ रूपये तक पहुँचा दिया है। एकलव्य विद्यालयों के लिये 14 हजार 18 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये विशेष कार्य किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री चौहान और उनकी टीम को बढ़ते मध्यप्रदेश और जनजातीय वर्ग के कल्याण के ऐतिहासिक कार्य के लिए साधुवाद एवं बधाई दी।