भोपाल
प्रदेश की तीनों ही विद्युत वितरण कम्पनियों को रेलवे और बैंकों की तर्ज पर पेपरलेस करने की तैयारी है। रेलवे एवं बैंकों की तरह पूरा स्टेट पावर सेक्टर पेपरलेस कार्य करने की मानसिकता बना ले, इसको लेकर विभाग जल्द आदेश जारी करेगा। यह भी तय हुआ है कि ब्लॉक स्तर तक प्रत्येक शासकीय कार्यालयों में स्मार्ट और प्रीपेड मीटर प्राथमिकता से लगाए जाएंगे। पिछले दिनों जबलपुर में हुई मंथन बैठक के बाद यह फैसले प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने लिए हैं।
इस बीच केंद्रीय ऊर्जा सचिव ने कहा है कि प्रदेश में पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर की हानि वाले क्षेत्रों में सबसे पहले एबी केबलिंग और अंडरग्राउंड केबलिंग करना चाहिए। इसी कार्य के समानांतर स्मार्ट तथा प्रीपेड मीटरिंग का कार्य भी हो। तभी एमपी के बिजली सिस्टम में सुधार आ सकेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि मध्यप्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों को सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर एवं त्वरित सेवाएँ मिल सकें। इस पर अमल के लिए विभाग जल्द प्लानिंग करेगा। विभाग की समीक्षा में यह बात भी सामने आई है कि आने वाले समय में मध्यप्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी हो जाएगी। इस तथ्य को ध्यान में रख कर पावर मैनेजमेंट कंपनी में एक पृथक प्लानिंग सेल का गठन होना चाहिए। साथ ही उपभोक्ताओं को सोलर रूफटॉप स्थापित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। नवकरणीय ऊर्जा की अधिकता एवं उपलब्धता से उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिल सकेगी।