भोपाल
प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती कर ऊर्जा विभाग आने वाले दिनों में हालात नहीं सुधरने पर लोड शेडिंग प्लान पर विचार कर सकता है। ऊर्जा मंत्री ने इसके संकेत दिए हैं और कहा है कि अभी डिमांड और सप्लाई में अंतर के चलते ग्रिड को सुरक्षित रखने के लिए लोड बैलैंस करने का काम किया जा रहा है। उधर बुधवार को सुबह दस बजे के करीब लोड डिस्पैच सेंटर में बिजली आपूर्ति के चलते ग्रिड पर 50.04 मेगा हर्ट्ज तक सप्लाई पहुंच गई जिसे आनन फानन में बैलेंस करने कुछ स्थानों की बिजली सप्लाई रोकी गई।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने प्रदेश में बिजली संकट को लेकर अब यह स्वीकार कर लिया है कि सप्लाई और डिमांड में अंतर है। इसी कारण सप्लाई डिमांड के चलते ग्रिड फेल होने से बचाने के लिए कई बार बिजली सप्लाई कुछ इलाकों में बंद की जा रही है। उन्होंने कहा है कि ग्रिड को बैलेंस रखना जरूरी है लेकिन यह स्थिति रोज एक जैसी नहीं रहती। किसी दिन पवन ऊर्जा और सोलर ऊर्जा अधिक मिल गई तो समस्या में सुधार भी आ जाता है। बिजली कटौती को लेकर कोई प्लान जारी किए जाने के मामले में उन्होंने कहा कि अगर मांग और आपूर्ति में अंतर कम नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में लोड शेडिंग प्लान जारी करने पर भी विचार किया जा सकता है।
11 मई को 50.04 हर्ट्ज तक पहुंचा लोड
उधर स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के आंकड़ों के अनुसार 11 मई को सुबह 10 बजे के करीब 50.04 हर्ट्ज तक लोड बढ़ गया। इसे बैलेंस करने के लिए कुछ इलाकों मे बिजली सप्लाई रोकी गई और फिर यह 49.98 तक केंद्रित रही। इस दौरान डेविएशन रेट 1.18 से 6 तक रहा। खास बात यह रही कि सुबह 11 बजे के करीब ही डिमांड 11427 मेगावाट से बढ़कर एक घंटे में 12221 तक पहुंच गई। प्रतिदिन की स्थिति यह है कि दोपहर में गर्मी बढ़ने पर यह डिमांड और तेजी से बढ़ती है।
एम्प्लाइज एसोसिएशन ने कहा, जारी करें प्लान
उधर यूनाइटेड फोरम फॉर एम्प्लाइज एसोसिएशन के महासचिव वीकेएस परिहार ने कहा है कि प्रदेश में अघोषित कटौती किए जाने के हालातों के चलते ग्रामीण इलाकों में सब स्टेशन और अन्य स्थानों पर कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटनाएं शुरू हो गई हैं। इसे देखते हुए एसोसिएशन ने सरकार ने मांग रखी है कि जब सप्लाई और डिमांड में अंतर कम नहीं हो रहा है तो सरकार घोषित कटौती का प्लान जारी करे ताकि कर्मचारियों के साथ मारपीट की घटनाएं न घटित हों।