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महापौर और नपा अध्यक्ष का निर्वाचन पार्षदों की बजाय जनता से कराने सरकार ला सकती है अध्यादेश

भोपाल
ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मात खा चुकी राज्य सरकार अब इस मामले में नए सिरे से तैयारी में जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष भाजपा वीडी शर्मा ने शनिवार को पहले पार्टी नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया और रात को सीएम ओबीसी आरक्षण और पंचायत व नगर निकाय चुनाव को लेकर मंत्रिमंडल के साथ चर्चा करने वाले हैं। माना जा रहा है कि सरकार इसके बाद नगरीय निकाय चुनावों के लिए महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव पार्षदों से कराने के बजाए सीधे जनता से कराने का निर्णय ले सकती है और अध्यादेश के जरिए यह व्यवस्था लागू की जा सकती है। शनिवार दोपहर नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बयान में कहा है कि महापौर अध्यक्ष का चुनाव जनता के द्वारा किया जाएगा सरकार द्वारा लाए जाने वाले अभ्यास के गाना अध्यादेश की जानकारी राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई है।
सूत्रों का कहना है कि भाजपा संगठन पार्षदों के माध्यम से चुनाव कराने को सहमत नहीं हैं। संगठन ने संकेत दिए हैं कि प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव होने चाहिए। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव में सरकार OBC वर्ग को आरक्षण देने के लिए 12 मई की देर रात सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका (एप्लिकेशन फॉर मॉडिफिकेशन) दाखिल कर चुकी है जिसे कोर्ट द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। सरकार ने इसमें ट्रिपल टेस्ट की निकायवार तैयार रिपोर्ट पेश की है। इस आधार पर आरक्षण देने के लिए दावा किया है। यह भी बताया कि पंचायतों के लिए आरक्षण प्रक्रिया 15 दिन में कैसे पूरी होगी। इस पर सुनवाई 17 मई (मंगलवार) को होगी।
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