भोपाल
व्यापमं से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड घोषित किये गए राज्य सरकार की परीक्षा एजेंसी पीईबी में फिर घपला सामने आया है। मार्च माह में पीईबी द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 का आयोजन किया गया था जिसके पेपर के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया में वायरल हो गए थे। इस मामले में सागर जिले से मंत्री के कॉलेज का नाम सामने आया है। जांच के बाद बीती रात पीईबी ने एमपी नगर थाने में पांच अभ्यर्थियों के खिलाफ कूट रचना कर धोखाधड़ी करने का प्रकरण दर्ज किया है।
शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 के पेपर सागर के ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैंनेजमेंट एण्ड साइंस और ग्वालियर के सर्वधर्म इंस्टीट्यूट से लीक हुए थे। गिरोह ने अभ्यर्थियों के कम्प्यूटर को परीक्षा केंद्र के बाहर के कम्प्यूटर से जोड़कर प्रश्न-पत्रों को हल किया है। इस मामले में परीक्षार्थी परत सिंह रावत, भुवनेश्वर शर्मा, नीलम केमोर, निशा सोलंकी और मनोज पटेल के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 469 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। यह फर्जीवाड़ा 10 और 25 मार्च को आयोजित परीक्षा के दौरान किया गया है। 25 मार्च को सागर के ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैंनेजमेंट एण्ड साइंस में शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग-3 की परीक्षा हुई थी। 26 मार्च को एक पेपर का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। जांच में सामने आया कि पेपर 25 मार्च को ज्ञानवीर संस्थान में परीक्षा देने वाले मनोज पटेल का है। पीईबी ने मार्च में पेपर लीक होने का खुलासा होने के बाद जांच कराई थी।
ऐसे किया पेपर साल्व
पीईबी के अनुसार पांचों अभ्यर्थियों ने जितने प्रश्न हल किए थे, सभी के उत्तर सही निकले। इसके बाद इनके परीक्षा देने वाले कम्प्यूटर की जांच की गई। जांच में खुलासा हुआ कि सभी आरोपी अभ्यर्थियों के परीक्षा केंद्र में जिस कम्प्यूटर पर परीक्षा देने बैठे थे, उन कम्प्यूटर्स के मॉनीटर की स्क्रीन ब्लर थी, कुछ दिख नहीं रहा था लेकिन अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत पर्यवेक्षक से नहीं की, न ही पर्यवेक्षक दो घंटे की परीक्षा के दौरान इस बात को देख सके कि कम्प्यूटर की स्क्रीन बंद है।