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मुफ्तखोरी का असर : कर्मचारियों को पेंशन देने के लिये पैसे नहीं पावर ट्रांसमिशन कम्पनी के पास

 भोपाल

विद्युत कम्पनियों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि प्रदेश के पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी के पेंशनर्स को सितम्बर माह की पेंशन नहीं मिल पाएगी। विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा पॉवर ट्रांसमिशन के चार्ज और बिलों का भुगतान पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी को नहीं किए जाने के कारण ऐसी स्थिति बनी है। इस खराब वित्तीय स्थिति का खुलासा पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी के वित्तीय मैनेजमेंट विभाग ने किया है और ऊर्जा विभाग से संबंधित सभी कम्पनियों को भी इसकी जानकारी दी है।

 मुख्य वित्तीय अधिकारी पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी की ओर से तीस सितम्बर को इसको लेकर कम्पनी के टर्मिनल बेनिफिट ट्र्स्ट के सेक्रेट्री के अलावा पॉवर मैनेजमेंट कम्पनी, पॉवर जनरेशन कम्पनी और पूर्व, मध्य और पश्चिम क्षेत्र विद्युुत वितरण कम्पनियों के मुख्य वित्तीय अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि अगस्त माह की बिलिंग के बदले सितम्बर माह में पॉवर ट्रांसमिशन कम्पनी को सिर्फ 35 करोड़ रुपए मिले हैं जबकि ट्रांसमिशन चार्जेस और अन्य बिलों के बदले में 392 करोड़ रुपए का भुगतान होना था। इन हालातों में जबकि 357 करोड़ रुपए कम्पनी को कम मिले हैं तो वित्तीय व्यवस्था पर खासा असर पड़ा है। मुख्य वित्तीय अधिकारी ने कहा है कि टर्मिनल बेनिफिट ट्र्स्ट के रूप में दी जाने वाली पेंशन का भुगतान नहीं किया जा सकता है। यह भुगतान तब तक नहीं हो सकता है जब तक कि कम्पनी के पास इसके लिए पर्याप्त फंड उपलब्ध नहीं हो जाता है। नवरात्र, दशहा और दीपावली के त्योहारों के दौरान पेंशन नहीं मिलने से जहां विद्युत कम्पनियों के पेंशनरों में रोष है, वहीं इससे प्रदेश सरकार की भी किरकिरी हो रही है। मप्र यूनाईटेड फोरम के संयोजक व्हीकेएस परिहार एवं मप ्रविद्युत मंडल तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महासचिव हरेंद्र श्रीवास्तव ने प्रदेश सरकार एवं विद्युत कंपनी प्रबंधन से विद्युत पेंशनरों को अतिशीघ्र पेंशन प्रदान करने की मांग की है,। ऐसा नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है। 

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