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राजस्व और जीएडी के पेंच में उलझ गए 220 तहसीलदार, प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के आदेश बाकी

भोपाल

सात साल से पदोन्नति की बाट जोह रहे प्रदेश के 220 तहसीलदारों की कार्यवाहक पद पर पदोन्नति सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी ) और राजस्व विभाग के बीच उलझ गई है। जीएडी ने इन अधिकारियों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति और पोस्टिंग संबंधी फाइल सीएम सचिवालय भेज दी है। इस बीच राजस्व विभाग ने यह तय किया है कि तहसीलदारों की पदोन्नति संबंधी आदेश राजस्व विभाग की ओर से जारी किए जाएंगे। इन तहसीलदारों का कार्यवाहक पदोन्नति मिलने के बाद कैडर और विभाग दोनों ही बदले जाने हैं और इस उलझाव की जानकारी के बाद प्रदेश भर के तहसीलदार परेशान हैं और जीएडी के आदेश बगैर पदोन्नति लेने से इनकार कर रहे हैं। 

तहसीलदारों को प्रभारी डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यवाहक पदोन्नति देने के लिए राजस्व विभाग के प्रस्ताव पर 28 अक्टूबर 22 को जीएडी ने मीटिंग की थी। इसके बाद से इन अधिकारियों की पदोन्नति और पोस्टिंग के आदेश लटके हुए हैं। जीएडी अफसरों के अनुसार इस मामले में अब सब कुछ साफ है और कार्यवाहक पद पर प्रमोशन व पदस्थापना के लिए फाइल वरिष्ठ अफसरों को भेजी गई है। वहीं दूसरी ओर राजस्व विभाग के अफसरों का कहना है कि जो होना है, उसको लेकर दो तीन दौर की मीटिंग हो चुकी है और जल्द ही वरिष्ठ पद के प्रभार को लेकर आदेश जारी किए जाने वाले हैं। 

इधर तहसीलदार संघ (मप्र राजस्व अधिकारी संघ) के प्रांताध्यक्ष और पदाधिकारियों ने इस मामले में पिछले दो दिनों में मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव, जीएडी, उप सचिव राजस्व समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को अलग-अलग ज्ञापन सौंपकर इस मामले में स्थिति साफ करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि अगर तहसीलदार से प्रभारी डिप्टी कलेक्टर बनाया जाता है तो उसके आदेश जीएडी की ओर से ही जारी किए जाएं अन्यथा उनका प्रमोशन न किया जाए। ऐसी स्थिति में तहसीलदार पदोन्नति नहीं चाहते हैं। जब नियमित पदोन्नति की स्थिति बने तो ही पदोन्नति दी जाए। 

संघ के प्रांताध्यक्ष गुलाब सिंह बघेल के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा किए जाने वाले आदेश के आधार पर वे तहसीलदार ही रहेंगे और प्रभारी डिप्टी कलेक्टर की पदोन्नति नहीं पा सकेंगे। अगर सशक्त तहसीलदार या अन्य किसी पदनाम से पावर दिए जा रहे हैं तो इस तरह के अधिकार नहीं चाहिए। तहसीलदारों का राजस्व विभाग द्वारा आदेश जारी करने को लेकर इस बात पर भी विरोध है कि जब वे डिप्टी कलेक्टर की फिटलिस्ट में हैं तो फिर उन्हें तहसीलदार के पद ही क्यों स्थानांतरित करने की तैयारी है। इसी तरह नायब तहसीलदारों को तहसीलदार के पद पर पदोन्नति दिए जाने के मामले में भी असमंजस की स्थिति बनी है। 

जीएडी की फिटलिस्ट में भी घटेंगे अधिकारी

जीएडी की फिटलिस्ट में 220 तहसीलदार पात्र पाए गए थे। इसमें से फिटलिस्ट तैयार होने के बाद कई तहसीलदारों के विरुद्ध जांच होने की जानकारी आई है। साथ ही कुछ तहसीलदार राजधानी के दफ्तरों में पदस्थ हैं, वे पदोन्नति नहीं चाहते। इसलिए जीएडी की फाइल मूव हुई तो प्रमोशन संबंधित अफसरों की संख्या में कमी आना तय है। 

इनका कहना.....

तहसीलदारों को पदोन्नति और पोस्टिंग को लेकर अभी कुछ हुआ नहीं है। इसलिए फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता। 

-मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव, राजस्व विभाग

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