भोपाल।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ओलावृष्टि के संकट की इस घड़ी में मध्यप्रदेश सरकार किसान भाई बहनों के साथ खड़ी है। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिए कि फसल क्षति सर्वे में लापरवाही न हो, पूरी ईमानदारी से सर्वे किया जाए और किसी भी प्रकार की कोई गलती न करें। रेवेन्यू, कृषि और पंचायत विकास के अमले को सर्वे में एक साथ शामिल करें। सर्वे पूरा होने के बाद सूची को पंचायत के दफ्तर में लगा दिया जाए। सर्वे होने के बाद किसी किसान की आपत्ति आती है तो उसका भी निराकरण किया जाए।
सीएम चौहान ने ये निर्देश प्रदेश में हो रही असमय बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान के सर्वे के लिए बुलाई गई बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि पूरी ट्रांसपेरेंसी के साथ, संवेदना के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि आरबीसी 6-4 के अंतर्गत फसल नुकसान की भरपाई की जाएगी। पशु हानि की भी सूचना आई है। पशु हानि के भी नुकसान की भरपाई मध्यप्रदेश सरकार करेगी। फसल सर्वे का पूरा काम 25 मार्च तक हो जाएगा।
20 जिलों में हुई ओलावृष्टि
मुख्यमंत्री चौहान को बताया गया कि प्रदेश के 20 जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि की जानकारी आई है। 6 से 8 मार्च के लगभग हुई बारिश के दौरान पहले फेस का सर्वे पूरा हो चुका है। अब 16 से 19 मार्च तक दूसरे फेस में हुई ओलावृष्टि का सर्वे शुरू हो चुका है । सभी जगह सर्वे दल गठित हो चुके है और सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे दल में राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शामिल किया गया है।ाया कि प्रदेश के 20 जिलों में असमय बारिश और ओलावृष्टि की जानकारी आई है। 6 से 8 मार्च के लगभग हुई बारिश के दौरान पहले फेस का सर्वे पूरा हो चुका है। अब 16 से 19 मार्च तक दूसरे फेस में हुई ओलावृष्टि का सर्वे शुरू हो चुका है । सभी जगह सर्वे दल गठित हो चुके है और सर्वे का काम चल रहा है। सर्वे दल में राजस्व, कृषि और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अमले को शामिल किया गया है।