बीजेपी ने चुनावी रणनीति में इस बार मध्यप्रदेश के राजनीतिज्ञों के साथ मतदाताओं को भी चौंकाने वाला फैसला लेते हुए विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के ढाई माह पहले ही 39 विधानसभा के प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इस पहली सूची में सबसे ज्यादा नाम महाकौशल और मालवा निमाड़ क्षेत्र से हैं। सबसे कम उम्मीदवार विंध्य क्षेत्र से हैं। कुल उम्मीदवारों में चार महिलाओं को टिकट दिया गया है। वहीं पहली सूची में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित 13 और अनुसूचित जाति की 8 सीटें शामिल की गई हैं।
बीजेपी द्वारा घोषित की गई प्रत्याशियों की सूची में पार्टी ने सी और डी कैटेगरी में सीटों को टिकट बांटा है। इन दोनों ही कैटेगरी की सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। सी कैटेगरी की सीटें वह हैं जहां दो बार से ज्यादा बीजेपी हारी है या कभी जीती है तो जीत का मार्जिन काफी कम रहा है। वहीं डी कैटेगरी की वे सीटें हैं जो कभी नहीं जीते। इसलिए पार्टी ने चुनाव से काफी पहले इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं ताकि उम्मीदवारों को जमीन पर काम करने का और अपनी जीत सुनिश्चित करने का ज्यादा समय मिले।
पुराने चेहरों को भी मौका
भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा नुकसान 2018 के चुनाव में महाकौशल, मालवा-निमाड़ और ग्वालियर-चंबल में हुआ था। हालांकि उप चुनाव में ग्वालियर-चंबल में पार्टी ने हारी सीटों को दोबारा जीत लिया था। पार्टी ने पहलीसूची में एक दर्जन के करीब पूर्व विधायक और मंत्री रहे उम्मीदवारों को मौका दिया है। पूर्व मंत्रियों में छतरपुर से ललिता यादव, गोहद से लाल सिंह आर्य, शहपुरा से ओमप्रकाश धुर्वे और सौंसर से नाना भाऊ मोहोड़, सुमावली से एदल सिंह कसाना, के नाम हैं। इसके अलावा पूर्व विधायकों में भोपाल मध्य से ध्रुव नारायण सिंह, महेश्वर से राजकुमार मेव, मुलताई से चंद्रशेखर देशमुख, घट्टिया से सतीश मालवीय,भैंसदेंही से महेंद्र सिंह चौहान को टिकट दिया गया है।
टिकट वितरण की पहली सूची में ग्वालियर-चंबल से छह, मध्य भारत से चार, महाकौशल और मालवा निमाड़ से 11-11, बुंदेलखंड से पांच और विन्ध्य के दो विधानसभा सीटों के कैंडिडेट घोषित किए हैं।
सिंधिया समर्थक कंसाना के साथ संगठन पदाधिकारियों को भी मौका
बीजेपी के टिकट ऐलान में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कैम्प के नेता एदल सिंह कंसाना को भी टिकट मिला है। सुमावली सीट से एंदल सिंह कंसाना को उम्मीदवार बनाया है। वे 2021 में हुए विधानसभा उपचुनाव में हार गए थे। उधर बीजेपी राष्ट्रीय अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को भिंड जिले के गोहद से उम्मीदवार बनाया गया है। वह पिछला चुनाव कांग्रेस के रणवीर जाटव से हार गए थे। उपचुनाव में जाटव को टिकट मिला तो वे हार गए और इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला है। इसके अलावा अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ से पार्टी के जिला महामंत्री श्याम सिंह को व झाबुआ सीट से झाबुआ बीजेपी जिला अध्यक्ष भानु भूरिया को कैंडिडेट घोषित किया गया है।
पार्टी से निष्कासित हो चुके लोधी को टिकट
शिवपुरी जिले के पिछोर से प्रीतम लोधी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। लोधी उमा भारती के करीबी है। वह एक बार चुनाव लड़ चुके है। लोधी को पार्टी ने ब्राह्माणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के चलते पार्टी से निकाल दिया था। बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोधी की पार्टी में वापसी कराई।
बीजेपी के टिकट ऐलान में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कैम्प के नेता एदल सिंह कंसाना को भी टिकट मिला है। सुमावली सीट से एंदल सिंह कंसाना को उम्मीदवार बनाया है। वे 2021 में हुए विधानसभा उपचुनाव में हार गए थे। उधर बीजेपी राष्ट्रीय अजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को भिंड जिले के गोहद से उम्मीदवार बनाया गया है। वह पिछला चुनाव कांग्रेस के रणवीर जाटव से हार गए थे। उपचुनाव में जाटव को टिकट मिला तो वे हार गए और इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला है। इसके अलावा अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ से पार्टी के जिला महामंत्री श्याम सिंह को व झाबुआ सीट से झाबुआ बीजेपी जिला अध्यक्ष भानु भूरिया को कैंडिडेट घोषित किया गया है।
पार्टी से निष्कासित हो चुके लोधी को टिकट
शिवपुरी जिले के पिछोर से प्रीतम लोधी को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। लोधी उमा भारती के करीबी है। वह एक बार चुनाव लड़ चुके है। लोधी को पार्टी ने ब्राह्माणों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के चलते पार्टी से निकाल दिया था। बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोधी की पार्टी में वापसी कराई।
2018 में हारे इन नेताओं पर फिर दांव
बीजेपी ने 2018 के चुनाव में हारने वाले नेताओं पर फिर दांव लगाया है। ऐसे नेताओं में राऊ से मधु वर्मा, कसरावद से आत्माराम पटेल, गोहद से लाल सिंह आर्य, छतरपुर से ललिता यादव, पथरिया से लखन पटेल, गुन्नौर से राजेश वर्मा, चित्रकूट से सुरेंद्र सिंह गहरवार, शहपुरा से ओमप्रकाश धुर्वे, सौंसर से नाना भाऊ मोहोड़, भैंसदेही से महेंद्र सिंह चौहान, महेश्वर से राजकुमार मेव, पेटलावद से निर्मला भूरिया, झाबुआ से भानू भूरिया, अलीराजपुर से नागर सिंह चौहान शामिल हैं।
इन नए चेहरों को मौका
पार्टी ने नए चेहरों को भी मौका दिया है। इसमें कुक्षी से जयदीप पटेल, गोटेगांव से महेश नागेश, बिछिया से डॉ. विजय आनंद मरावी,बड़वारा से धीरेंद्र सिंह, पुष्पराजगढ़ से हीरा सिंह श्याम, बंडा से वीरेंद्र सिंह लंबरदार, चांचौड़ा से प्रियंका मीणा, लांजी से राजकुमार कर्राये, पांढुर्ना से प्रकाश उइके, सबलगढ़ से सरला विरेंद्र रावत, पाटन से नीरज सिंह ठाकुर, महाराजपुर से कामाख्या प्रताप सिंह के नाम हैं।
पहली सूची में नेताओं के परिजनों को भी टिकट देने का काम किया गया है। इसमें सबलगढ़ के पूर्व विधायक स्वर्गीय मेहरबान सिंह रावत की बहू सरला रावत को उम्मीदवार बनाया गया है। जबलपुर के पाटन सीट से पूर्व विधायक प्रतिभा सिंह के बेटे नीरज सिंह ठाकुर को टिकट दिया गया है। छतरपुर जिले के महाराजपुर में पूर्व विधायक मानवेंद्र सिंह भंवर राजा के बेटे कामाख्या प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। इसके अलावा महेश्वर विधानसभा सीट से बीजेपी ने राजकुमार मेव को अपना प्रत्याशी बनाया है। वे 2018 के चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर बागी हो गए थे। उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और भाजपा के प्रत्याशी भूपेंद्र आर्य से ज्यादा वोट हासिल किए थे। हालांकि वो कांग्रेस की विजयलक्ष्मी साधौ से चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने पार्टी में अपनी अहमियत साबित कर दी थी। बालाघाट जिले की लांजी सीट से भाजपा ने राजकुमार कर्राये को टिकट दिया है। राजकुमार ने गुरुवार सुबह आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया था। शाम को उन्हें भाजपा की जारी हुई पहली 39 उम्मीदवारों कर सूची में जगह मिल गई। वे आप से पहले भाजपा में ही थे।

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