देश में महात्मा गांधी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ऐसे नेता हैं जिनका आह्वान देशवासियों के लिए ब्रह्म वाक्य बन जाता है। चाहे कोरोना काल में थाली और ताली बजाने का आह्वान हो या 15 अगस्त पर हर घर तिरंगा अभियान या घर के दरवाजे पर पांच दीपक लगाने का आह्वान हो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से जब जो आह्वान किया है, उससे पूरा देश प्रधानमंत्री के उस अभियान पर एक साथ खड़ा दिखाई दिया है। अब प्रधानमंत्री ने देशवासियों से भ्रष्टाचार, परिवारवाद, तुष्टिकरण के खिलाफ मुक्ति का अभियान चलाने की अपील की है। जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पहले पूरा देश एक साथ खड़ा हो गया था, वैसे ही अब भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के खिलाफ देश के नागरिक पूरी ताकत से खड़े हो जाएंगे जो कहीं न कहीं विपक्ष के लिए अच्छी खबर नहीं है क्योंकि विपक्ष की पार्टियां इन तीनों भ्रष्टाचार ,परिवारवाद और तुष्टिकरण से पूर्णतः पीड़ित हैं, जिसे देश की जनता अब बेहतर तरीके से जानने लगी है।
देश में भ्रष्टाचार के जो मामले लगातार सामने आते हैं उसमें कहीं न कहीं विपक्ष के दल के नेता शामिल रहते हैं। पश्चिम बंगाल में जहां ममता बनर्जी का राज है वहां शारदा चिटफंड घोटाला हो या शिक्षक भर्ती घोटाला हो या कोयला घोटाला, इसमें तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के परिवार के लोग सीधे शामिल हैं। राजस्थान में पूर्व मंत्री व विधायक राजेंद्र गुढ़ा द्वारा लाल डायरी या जिक्र किया गया है जो राजस्थान गहलोत सरकार की भ्रष्टाचार का आईना बन गई है। यहां भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपनी कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन के लिए मजबूर हुए हैं।
बिहार में 14 माह में एक पुल दो बार गिर गया, जहां लालू चारा घोटाले में जमानत पर हैं वहीं पूरा परिवार रेलवे भर्ती घोटाला में फंसा हुआ है। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी हो या राहुल गांधी दोनों जमानत पर हैं, ईडी की जांच लगातार इन दोनों के खिलाफ चल रही है। साथ ही नेशनल हेराल्ड की भी जांच चल रही है। कांग्रेस के भ्रष्टाचार को कोसकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार से अछूती नहीं बची है । पंजाब एवं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल यात्रा कर रहे हैं। वहीं शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया अभी जेल में हैं । पूर्व में भी कई मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गए। अरविंद केजरीवाल के शीश महल की चर्चा अब आम हो गई है जिसकी जांच चल रही है। विपक्ष के नेताओं द्वारा देश में इतना भ्रष्टाचार किया गया कि जनता ने उन्हें नकार कर देश में नरेंद्र मोदी पर विश्वास जताकर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में सरकार बनाई। अब मोदी सरकार भ्रष्टाचार पर लगातार कड़े प्रहार कर रही है जिससे विपक्ष तिलमिलाया हुआ है और मोदी के खिलाफ एक गठबंधन बनाया है पर देश की जनता यह चर्चा करती है कि भ्रष्टाचारियों का यह समूह है जो एक ईमानदार देश और गरीबों के प्रति समर्पित व्यक्ति के खिलाफ जो प्रधानमंत्री मोदी है बनाया गया है। जब राज्यों में चुनाव होते हैं तो यह विपक्ष के नेता आपस में एक दूसरे को पानी पी पीकर कोसते हैं और एक दूसरे की भ्रष्टाचार की पोल खोलते हैं पर अब जब इनकी भ्रष्टाचार की कलाई खुलने लगी और लगातार इनके सहयोगी जेल जा रहे हैं। भ्रष्टाचार में तो यह एक मंच पर आकर एकता का ढोंग कर रहे हैं। कांग्रेस नीत यूपीए एक भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गया था। इसलिए विपक्ष के लोगों ने एक नया चोला ओढ़ लिया है और एक नया नाम अपने गठबंधन को दिया है पर अब देश की जनता भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण को बर्दाश्त नहीं करेगी और पीएम मोदी के आवाहन पर उनके साथ खड़ी है जो विपक्षी पार्टियों के लिए एक खतरे की घंटी है।
(लेखक मध्य प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं)
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