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अनुपयोगी और प्रभावहीन कानून होंगे निरस्त, विधि विभाग ने मांगी जानकारी

भोपाल

 प्रदेश में विभिन्न विभागों के ऐसे कानून और नियमों को निरस्त किया जाएगा जो अनुपयोगी और प्रभावहीन हो गए हैं। इसको लेकर विधि विभाग ने राज्य शासन के सभी विभागों से जानकारी मांगी है और निष्प्रभावी हो चुके कानून के बारे में सूचना देने को कहा है ताकि परीक्षण के बाद उस पर अंतिम निर्णय लिया जा सके। 

बदलते वक्त के साथ प्रासंगिक होने वाले नियम कानून में विभागों द्वारा समय समय पर संशोधन के जरिये बदलाव किए जाते हैं पर विभिन्न विभागों में अभी सैकड़ों ऐसे कानून हैं जो आजादी के 75 साल बाद अनुपयोगी और प्रभावहीन हो चुके हैं। इसे देखते हुए विधि विभाग ने सभी विभागों के सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे कानून की जानकारी दी जाए। विधि और विधायी कार्य विभाग के सचिव द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के अनुपयोगी और प्रभावहीन अधिनियमों की समीक्षा के लिए विधि और विधायी कार्य विभाग द्वारा एक विभागीय समिति का गठन किया गया है। इसलिए सभी विभागों के निरस्त किए जाने वाले कानूनों की जानकारी विभागीय टीप के साथ चाहिए। मध्यप्रदेश शासन कार्य आवंटन नियम में हर विभाग द्वारा प्रशासित अधिनियम उल्लेखित हैं। इसलिए सभी विभागों के सचिवों से कहा गया है कि कार्य आवंटन नियम में उल्लिखित और गैर उल्लिखित ऐसे प्रशासित अनुपयोगी और प्रभावहीन अधिनियमों की समीक्षा करें और उसे निरस्त करने के योग्य पाए जाने पर विभाग के मंत्री के प्रशासकीय अनुमोदन के साथ विधि और विधायी कार्य विभाग को भेजें ताकि इस पर आगे की कार्यवाही की जा सके। 

खाद्य, पंचायत, नगरीय विकास, राजस्व पर सर्वाधिक फोकस

इस मामले में अफसरों का कहना है कि इसमें सरकार का फोकस खासतौर पर उन विभागों को लेकर ज्यादा है जो पब्लिक से सीधा संबंध रखते हैं। ऐसे विभागों में रोटी, कपड़Þा और मकान से ताल्लुक रखने वाले खाद्य, पंचायत, नगरीय विकास, राजस्व, लोक निर्माण, जल संसाधन समेत अन्य महत्वपूर्ण विभाग शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि विधि विभाग द्वारा जानकारी मांगे जाने के बाद विभागों ने संचालनालय स्तर पर परीक्षण के साथ संभागीय और जिला मुख्यालय स्तर से भी अफसरों से जानकारी तलब की है ताकि फील्ड में अनुपयोगी हो चुके अधिनियमों की निरस्तगी के प्रस्ताव तैयार हो सकें। 

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